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द गर्ल इन रूम 105

नया जॉब हासिल करने की भी नहीं?"


"मुझे नए जॉब की ज़रूरत है, लेकिन सच पूछो तो मुझे उसकी भी कोई परवाह नहीं।" 'नई गर्लफ्रेंड बनाने के बारे में क्या ख्याल है?" 'अभी मैं उस फ्रेम ऑफ़ माइंड में नहीं है। एक ही लड़की ने मुझे इतनी तकलीफ दे दी है।"

"टिंडर, भाई। पेन फ्री लब तुम्हें पता है, टिंडर पर मेरे लिए दो मैच थे।'

"वो कैसे?"

"कुछ नहीं। लेकिन जब हमने चैट की तो उन्होंने मुझे अनमैन्ड कर दिया।' "क्या? क्यों?"

'उन्होंने कहा कि वे ईमानदारी को बहुत महत्व देती हैं। मैंने कहा ठीक है। उन्होंने पूछा आपकी दिलचस्पी

किस चीज़ में है। मैंने बता दिया।" 'मैंने कहा, मेरी दिलचस्पी सेक्स में है या कुछ भी फिज़िकल हैड जॉब भी चलेगा।'

"क्या बताया?'

"क्या तुमने ये कहा?" मैंने बताया ना, मैंने ईमानदारी से बात कही थी।'

मैं जोर से हंस पड़ा।

"फिर क्या हुआ?"

"उन्होंने मुझे डिलीट कर दिया। बिचिस अनिस्टी, माय ऐस।'

'मेरे 'एनीथिंग फिजिकल' डार्लिंग, यहां तो आओ,' मैंने उसे बीयर हग देने की कोशिश करते हुए कहा।

'दूर हटो और सीरियस हो जाओ।"

मैं सीरियस ही हूं.' मैंने हँसते हुए कहा 'बट सीरियसली, हैंड जॉब भी चलेगा, तुमने ये कह दिया?" 'मैं अपने रहने के लिए कोई दूसरी जगह तलाश लूंगा। तुम्हें इस केस और मेरे बीच में से किसी एक को चुनना होगा, सौरभ ने कहा।

'क्या' मैंने कहा। मेरे बेहरे से हंसी गायब हो गई।

हम दोनों में से कोई भी एक मिनट तक कुछ नहीं बोला। सौरभ उठ खड़ा हुआ। मुझे अपना जवाब मिल गया। मैं इस वीकेंड तक चला जाऊंगा,' उसने कहा। "ये तुम क्या सेंटी ड्रामा कर रहे हो?" मैंने उसका हाथ खींचकर उसको बैठाने की कोशिश करते हुए कहा ।

"क्या?' उसने कहा।

'आज से इस केस की ऐसी की तैसी में पहले ही बहुत कुछ खो चुका हूं, अब मैं तुम्हें नहीं खो सकता।" रियली भाई, तुम मेरे लिए यह करोगे?' "हां, अभी तुम कहीं नहीं जा रहे हो। टीवी चालू कर लो। मैं देखना चाहता हूं कि वो 'मुन्नी बदनाम हुई

बाली लड़की जीती या नहीं।'

'एनरोलमेंट कैश हो गया है। यह जनएक्सेप्टेबल है, ' चंदन ने कहा।

कमरे में पान मसाले और चीप कोलोन की गंध भरी हुई थी। चंदन ने 'द इकोनॉमिक टाइम्स' में एक लेख पड़ा था, जिसमें कॉर्पोरेट्स में वीकली मैनेजमेंट मीटिंग्स के महत्व के बारे में बताया गया था। उसे यह आइडिया बहुत पसंद आया था। लेकिन वो यह भूल गया था कि चंदन क्लासेस एक डिक्टेटरशिप है, कॉर्पोरेट नहीं। अब हमें शनिवार की सुबह आठ बजे आना पड़ता था. क्लासेस शुरू होने के दो घंटे पहले चंदन इन मीटिंग्स में एक फॉर्मल सूट पहनता था और किसी साउथ इंडियन मूवी के विलेन के चमचे जैसा दिखाई देता था, जो अपनी बेटी की शादी के लिए तैयार हुआ हो।

फैकल्टी से लेकर पीअन और सेक्सी शीला तक, किसी को भी ये अर्ली मॉर्निंग मीटिंग्स वाला आइडिया पसंद नहीं आया था। ये आपका बहुत ही अच्छा फैसला है, सर, पहली मीटिंग में कैमिस्ट्री टीचर ब्रज चौबे ने कहा था।

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